पटना: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बिहार की राजधानी पटना (Patna) में महागठबंधन की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ (Voter Adhikar Yatra) में शामिल होकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने बिहार की जनता के बीच भाजपा को सत्ता से बेदखल करने का मजबूत संदेश दिया और चुनाव आयोग पर पक्षपात का गंभीर आरोप लगाते हुए इसे ‘जुगाड़ आयोग’ करार दिया। अखिलेश की इस यात्रा में हिस्सेदारी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले विपक्षी गठबंधन को नई ताकत दी है।
अखिलेश यादव का बिहार दौरा और ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में उनकी भागीदारी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी माहौल को गर्म कर दिया है। उनकी मौजूदगी ने महागठबंधन को नई ऊर्जा दी है और भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता को मजबूत किया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह यात्रा बिहार के चुनावी समीकरणों को कैसे प्रभावित करती है।
अखिलेश यादव का बिहार दौरा: ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में जोड़ा दम
‘वोटर अधिकार यात्रा’ का आयोजन महागठबंधन द्वारा बिहार में मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं और विशेष गहन संशोधन (SIR) के खिलाफ शुरू किया गया है। यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम के सौरा हवाई अड्डा मैदान से शुरू हुई और 1 सितंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। इस 1300 किलोमीटर की यात्रा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव के साथ अब अखिलेश यादव भी शामिल हुए हैं। उनकी मौजूदगी ने यात्रा को राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है।
अखिलेश ने 28 अगस्त को सीतामढ़ी में यात्रा में हिस्सा लिया और शनिवार को पटना पहुंचकर जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “मैं बिहार की जनता को ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के समर्थन के लिए बधाई देता हूं। इस बार बिहार से जो आवाज उठ रही है, वह साफ कह रही है कि भाजपा को सत्ता से बाहर करना है। भाजपा सरकार ने संविधान के अधिकारों का हनन किया और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया है।”
उन्होंने कहा कि “यूपी, बिहार के लोग पलायन कर रहे हैं। तेजस्वी जी ने यहां लाखों लाख नौकरी दी। बिहार की जनता को उनपर भरोसा है, अब बीजेपी का बिहार से पलायन होने जा रहा है।”
चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप: ‘जुगाड़ आयोग’ का तंज
अखिलेश ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग अब जनता का नहीं, बल्कि सत्ता का ‘जुगाड़ आयोग’ बन गया है। इसके फैसले निष्पक्षता और पारदर्शिता के बजाय सत्ता के इशारों पर हो रहे हैं।” यह बयान बिहार में मतदाता सूची संशोधन (SIR) को लेकर उठे विवाद के संदर्भ में आया, जिसमें विपक्ष ने आरोप लगाया है कि भाजपा गैर-भाजपा मतदाताओं को सूची से हटाने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के हालिया उपचुनावों में भी कथित मतदाता धांधली का जिक्र किया और कहा, “उत्तर प्रदेश में भी हमने 2022 में 18,000 शपथ पत्रों के जरिए मतदाता सूची में अनियमितताओं की शिकायत की थी। यह समस्या सिर्फ बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में है।”
अखिलेश यादव ने कहा कि “मैं धन्यवाद देना चाहता हूं बिहार की जनता को कि वोटर अधिकार यात्रा को समर्थन दिया।भारतीय जनता पार्टी बिहार से बाहर होने जा रही है। सही मायने में यहां की जनता SIR करने वाली है चुनाव आयोग का।”
महागठबंधन को मजबूती, बिहार चुनाव में नया समीकरण
अखिलेश यादव की इस यात्रा में भागीदारी ने महागठबंधन को न केवल बिहार में, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूती दी है। उन्होंने RJD नेता लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को पूर्ण समर्थन का ऐलान किया। अखिलेश ने कहा, “हम बिहार चुनाव में लालू जी और तेजस्वी जी के साथ पूरी ताकत से खड़े हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा के घोटालों को हम बिहार की जनता के सामने उजागर करेंगे।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी और उनका चेहरा केवल वोट लेने के लिए इस्तेमाल कर रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 कुछ महीनों में होने वाले हैं, और इस यात्रा ने विपक्षी गठबंधन को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाई है। अखिलेश की मौजूदगी ने न केवल सपा के समर्थकों को उत्साहित किया, बल्कि कांग्रेस और RJD के बीच समन्वय को भी मजबूत किया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के 2027 विधानसभा चुनावों के लिए भी INDIA गठबंधन को मजबूत करने का आधार तैयार कर सकती है।
अखिलेश का बिहार दौरा क्यों है महत्वपूर्ण?
विपक्षी एकता का संदेश: अखिलेश का बिहार दौरा पहली बार है जब उन्होंने उत्तर प्रदेश से बाहर राहुल गांधी के साथ किसी राजनीतिक आंदोलन में हिस्सा लिया। इससे INDIA गठबंधन की एकता को बल मिला है।
बिहार में SIR के तहत 65 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने के दावे ने विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा दिया है। अखिलेश ने इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का वादा किया।
भाजपा पर हमला: अखिलेश ने भाजपा पर संविधान विरोधी नीतियों और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप लगाया, जो बिहार के मतदाताओं को लामबंद करने में अहम हो सकता है।
बिहार की जनता का मूड
अखिलेश ने कहा, “बिहार की जनता ने मन बना लिया है कि इस बार भाजपा को सत्ता से बाहर करना है। यह यात्रा जनता की आवाज को बुलंद करने का एक मंच है।” उन्होंने बिहार में बाढ़ राहत कार्यों में कथित नाकामी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरा।



